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Showing posts from 2017

विश्व के महान व्यक्ति और उनके द्वारा किये गए कार्य

विश्व के महान व्यक्ति और उनके द्वारा किये गए कार्य    कार्यक्षेत्र .    व्यक्ति 1.  आनंद वन की स्थापना  -- बाबा आम्टे 2.   रेडक्रॉस की स्थापना -- हेनरी ड्यूनेन्ट 3.   रेड गार्ड्स की स्थापना -- गैरी वाल्डी 4.   ओरेविले आश्रम की स्थापना -- अरविन्द घोष 5.   स्काउंटिंग की स्थापना -- वेडन पावेल 6.   खालसा पंथ के स्थापना -- गुरु गोविन्द सिंह 7.   स्वर्ण मंदिर का निर्माणकर्ता -- गुरु अर्जुन देव 8.   कुतुबमीनार का निर्माण शुरुकर्ता -- कुतुबमीनार ऐबक 9.   कुतुबमीनार का निर्माण पूराकर्त्ता -- इल्तुमिश 10. लीग ऑफ नेशन्स के संस्थापक -- वुडरो विल्सन 11.  शांति निकेतन की स्थापना -- रवीन्द्रनाथ ठाकुर 12.  समाजवाद के प्रवर्त्तक -- आचार्य नरेन्द्र देव 13.  विश्वभारती की स्थापना -- रवीन्द्रनाथ ठाकुर 14.  भूदान आंदोलन के प्रवर्त्तक -- बिनोवा भावे 15.  पवनार आश्रम की स्थापना -- बिनोवा भावे 16.  सारबमती आश्रम की स्थापना -- महात्मा गाँधी 17.  ब्रहा समाज के संस्थापक -- राजा राममोहन राय‘ 18.  मिशनरी ‘ ऑफ चैरिटी ‘ की स्थापना -- मदर टेरेसा

विश्व की प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ और शिखर

विश्व की प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ और शिखर पर्वत – श्रेणी /  शिखर .       देश 1.    एण्डीज.    --   दक्षिण अमेरिका 2.    रॉकी         --  उत्तरी अमेरिका 3.    माउण्ट एवरेस्ट -- नेपाल 4.    काराकोरम ( K2 ) या गॉडविन आस्टिन --भारत 5.    कंचनजंघा -- भारत हिमालय.  -- भारत – चीन – नेपाल 6.     मकालू    -- नेपाल – चीन 7.     आल्पस.  -- इटली --स्विट्ज़रलैंड 8.     ल्हात्से    -- नेपाल 9.     काकेशस. -- जार्जिया 10.   एटलस  उ० प० -- अफ्रीका

विश्व के प्रमुख खनिज एवं उत्पादक देश

विश्व के प्रमुख खनिज एवं उत्पादक देश खनिज    प्रमुख उत्पादक देश ( घटते क्रम में ) 1.    लोहा -- यूक्रेन, ब्राजील, ऑस्ट्रलिया, चीन, यू. एस. ए. 2.    ताँबा-- चिली, सं. रा. अमेरिका, कनाडा, जाम्बिया 3.    बॉक्साइट-- आस्ट्रेलिया, गिनी, जमैका, ब्राजील 4.     टिन. -- मलेशिया, इण्डोनेशिया, चीन, बोलीविया 5.     मैंगनीज -- यूक्रेन, गैबोन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील 6.     जस्ता -- सं० रा० अमेरिका, कनाडा, जापान, पेरू 7.      सोना -- दक्षिण अफ्रीका, पेरू, सं० रा० अमेरिका, कनाडा 8.      चाँदी -- मैक्सिको, पेरू, सं० रा० अमेरिका, कनाडा 9.      हीरा -- दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, कांगो, घाना 10.    पारा -- स्पेन, चीन, यू० एस० ए०सीसायू० एस० ए० , आस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान 11.  अभ्रक -- भारत ( विश्व का 80% ), ब्राजील, यू० एस०  ए० 12.   थोरियम -- ब्राजील, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, मलेशिया 13.   यूरेनियम -- कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, यू०  एस०  ए० , भारत 14.    टंगस्टन -- चीन, रूस 15.    प्लैटिनम -- कनाडा, दक्षिण अफ्रीका 16.    क्रोमियम -- दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे 17.    पेट्रोलियम -- यू० एस०  ए० ,

विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा

विश्व में सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लम्बा एवं ऊँचा 1.     विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप. -- एशिया ( विश्व के क्षेत्रफल का 30%) 2.     विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप -- आस्ट्रेलिया 3.     विश्व का सबसे बड़ा महासागर -- प्रशांत महासागर 4.     विश्व का सबसे छोटा महासागर -- आर्कटिक महासागर 5.     विश्व का सबसे गहरा महासागर -- प्रशांत महासागर 6.     विश्व का सबसे बड़ा सागर -- दक्षिणी चीन सागर 7.     विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी -- मेक्सिको की खाड़ी 8.     विश्व का सबसे बड़ा द्वीप.  -- ग्रीनलैण्ड 9.     विश्व का सबसे बड़ा द्वीप समूह -- इण्डोनेशिया 10.   विश्व की सबसे लम्बी नदी -- नील नदी ल. 6650 किमी 11.   विश्व की सबसे बड़ी अपवाह क्षेत्र वाली नदी -- अमेजन नदी 12.   विश्व की सबसे बड़ी सहायक नदी -- मेडिरा ( अमेजन की ) 13.   विश्व की सबसे व्यस्त व्यापारिक नदी -- राइन नदी. 14.   विश्व की सबसे बड़ी नहर -- स्वेज नहर 15.   विश्व की सबसे व्यस्त नहर -- कील नहर 16.   विश्व का सबसे बड़ा नदी  -- द्वीपमाजुली, भारत 17.   विश्व का सबसे बड़ा देश -- रूस 18.   विश्व का सबसे छोटा देश -- वेटिकन सिटी ( 44 हेक

विश्व के प्रमुख देश और उनके राष्ट्रीय स्मारको की सूची

विश्व के प्रमुख देश और उनके राष्ट्रीय स्मारको की सूची       स्मारक .       देश 1.   क्रेमलिन. --   ( मास्को )रूस 2.   पीसा की झुकी हुई मीनार ( पीसा ) --इटली 3.   पार्थनान.  --  ( एथेंस )यूनान 4.   इम्पीरियल पैलेस -- ( टोकियो )जापान 5.   स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी --  ( न्यूयॉर्क )यू० एस० ए० 6.   ओपेरा हाउस --  ( सिडनी )आस्ट्रेलिया 7.   पिरामिड.  --  ( गीजा )मिस्र 8.   एफिल टावर -- ( पेरिस )फ्रांस 9.   पवन चक्की --  ( किंडरडिज्क )डेनमार्क 10. ग्रेट वाल  -- ( उत्तरी चीन )चीन 11. ताजमहल --  ( आगरा )भारत

विश्व के प्रमुख देश और उनकी गुप्तचर संस्थाओं की सूची

विश्व के प्रमुख देश और उनकी गुप्तचर संस्थाओं की सूची     देश .    गुप्तचर संस्था 1.   संयुक्त राज्य अमेरिका  -- सेंट्रल इंटेलीजेन्स एजेन्सी 2.   बारबाडोस  -- वित्तीय खुफिया इकाई(एफआईयू) 3.   क्यूबा    --   डायरेक्शन दे इंटेलिगेंसिा (डीजीआई)(खुफिया निदेशालय) 4.   गाम्बिया  -- राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) 5.   केन्या  -- राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया सेवा (NSIS) 6.   भारत. -- इंटेलीजेंस ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन ( C.B.I. ) 7.   चीन  -- सेंट्रल इंटेलीजेन्स एजेन्सी 8.   रूस. -- के० जी० बी०/ जी०  आर०  यू० 9.   इजराइल. -- मोसाद 10. इराक. -- अल मुखबरात 11. मिस्र. -- मुखबरात 12. दक्षिण अफ्रीका -- ब्यूरो ऑफ़ स्टेट सिक्युरिटी 13. पाकिस्तानइंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस ( I.S.I. ) 14. जापान -- नइचो 15. ईरान -- सावाक 16. ब्रिटेन. --  ज्वाइंट इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन, मिलिट्री इंटेलीजेंस – 5 एवं 6 17. मोलदोवा  -- सूचना और सुरक्षा सेवा (एसआईएस) 18. मंगोलिया  -- मंगोलिया के जनरल खुफिया एजेंसी (जीआईए) 19. मोंटेनेग्रो  -- राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (ANB) 20. जॉर्जिया -- जॉर्जियाई

विश्व की प्रमुख नदियों के उद्गम एवं संगम स्थल

विश्व की प्रमुख नदियों के उद्गम एवं संगम स्थल नदी उद्गम स्थान संगम स्थल 1.  सिंधु     सानोख्याबाब हिमनद (तिब्बत के मानसरोवर झील के पास).   अरब सागर 2. गंगा गंगोत्री बंगाल की खाड़ी 3. यमुना यमुनोत्री हिमानी (बंदरपूंछ के पश्चिमी ढाल पर स्थित) प्रयाग (इलाहाबाद) 4. चंबल जाना पाव पहाड़ी (मध्यप्रदेश के मऊ के नजदीक) इटावा (उ.प्र) 5.  सतलज राकस ताल (मानसरोवर झील के नजदीक) चिनाब नदी 6.  रावी कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के नजदीक चिनाब नदी 7.  झेलम शेषनाग झील (बेरीनाग(कश्मीर) के नजदीक ) चिनाब नदी 8. व्यास व्यास कुंड (रोहतांग दर्रा) कपूरथला (सतलजनदी) 9.  कोसी गोसाईथान चोटी के उत्तर में गंगा नदी (कारागोला के दक्षिण-पश्चिम में) 10.  गंडक नेपाल गंगा (पटना के नजदीक) 11. रामगंगा नैनीताल के नजदीक हिमालय श्रेणी का दक्षिणी भाग कन्नौज के निकट गंगा नदी 12.  शारदा (काली गंगा) कुमायूं हिमालय घाघरा नदी (बहराम घाट के निकट) 13. घाघरा या करनाली या कौरियाला नेपाल में तकलाकोट से गंगा नदी (सारण तथा बलिया जिले की सीमा पर) 14. बेतवा या वेत्रवती विंध्याचल पर्वत (मध्यप्रदेश

नदियों के किनारे बसे संसार के प्रमुख नगर

नदियों के किनारे बसे संसार के प्रमुख नगर शहर    देश    नदी 1.    लन्दन  -- इंग्लैंड -- टेम्स 2.    बर्लिन  -- जर्मनी -- स्प्रे 3.    विएना -- ऑस्ट्रेलिया -- डेन्यूब 4.    बगदाद -- इराक -- टिगरिस 5.    काहिरा -- मिस्र --नील 6.    रोम -- इटली -- टाइबर 7.    पेरिस --फ्रांस -- सीन 8.   लाहौर -- पाकिस्तान --रावी 9.    करांची -- पाकिस्तान -- सिंधु 10.   बुडापेस्ट. -- हंगरी -- डेन्यूब 11.   मैड्रिड -- स्पेन -- मैंजियर 12.   पर्थ -- ऑस्ट्रेलिया -- स्वान 13.   टोक्यो -- जापान -- अरकाव 14.   सिडनी  -- ऑस्ट्रेलिया -- डार्लिंग 15.   लिस्बन -- पुर्तगाल --लिंफे 16.   शंघाई -- चीन -- यन्गिट्जसीक्यांग 17.   न्यूयार्क -- अमेरिका  -- हडसन 18.   वाशिंगटन -- अमेरिका -- पोटोमेक

स्वदेशीची चळवळ

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स्वदेशीची चळवळ २० जुलै १९०५ रोजी सरकारने बंगालची फाळणी करण्याचा निर्णय जाहीर केला आणि ठिणगी पडली. सरकारचा दावा असा होता की प्रशासकीय विचारांतून हा निर्णय घेण्यात आला आहे. पण त्यामागे राष्ट्रवादी विचारांच्या बंग जनतेची फाळणी करण्याचा हेतू आहे हे जनतेने ओळखले होते. बंगालमधील उसळत्या राष्ट्रवादाची लाट त्यायोगे थोपविता येईल, असा साम्राज्यवाद्यांचा मानस होता. १६ ऑक्टोबर रोजी कलकत्यात सार्वत्रिक हरताळ पाळण्यात आला व लोकांनी एक दिवस उपोषण केले. कलकत्यांच्या अनेक रस्त्यांवरुन मिरवणुका निघाल्या व संध्याकाळी प्रचंड सभा झाली. तिला ५०,००० लोक हजर होते. बंगालच्या खेडयापाडयांतून न शहराशहरांतून सभा, मिरवणुका व निदर्शने यांचे पडसाद सतत उमटत होते. Loard Curzon लवकरच राष्ट्रीय चळवळीत एका नव्या आंदोलनाची भर पडली. परकीय बनावटीच्या सर्व वस्तुवर बहिष्कार व त्याऐवजी स्वदेशी वस्तूंचा वापर हे या चळवळीचे सूत्र होते. अनेक ठिकाणी परदेशी कापडाच्या होळया पेटवण्यात आल्या आणि परदेशी कापड विकणार्‍या दुकानांपुढे निदर्शने करण्यात आली. नव्या नेतृत्वाने प्रशासनाविरुध्द नि:

चलेजाव आंदोलन (१९४२)

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चलेजाव आंदोलन (१९४२) क्रिप्स मिशनचे अपयश, जपानचा धोका उंबरठयावर, सरकारवरचा राग सामुदायिक परिणाम ६ जुलै १९४२ रोजी वर्धा येथे काँग्रेस कार्यकारिणी बैठक 'चलेजाव' ठराव पास. मुंबईत ७ ऑगस्ट १९४२ रोजी कॉंगे्रसचे खुले अधिवेशन सुरू. (मौलाना आझाद अध्यक्ष) ८ ऑगस्ट १९४२ रोजी चलेजाव ठराव मंजूर. ९ ऑगस्ट रोजी पहाटे नेत्यांची धरपकड. गांधीजी आगाखान पॅलेस पुणे येथे बंदीवान. कार्यकारिणी सदस्य अहमदनगर तुरूंगात ही एकमेव नेतृत्वविरहित चळवळ. Quit India Moment 1942 प्रती सरकारे सातारा (नाना पाटील), तालचेर (ओरिसा), बलिया (उत्तर प्रदेश) इ. बंगालात तामलुक जतिया सरकार दिनापुर येथे.   या राष्ट्रीय सरकारानी कायदा, सुव्यवस्था राखली. आरोग्य, शिक्षण, शेती, पोस्टल व्यवस्था सांभाळली. सुरूवातीला शहरी भागात अधिक जोर नंतर खेडयात. या काळात भूमिगत चळवळी जयप्रकाश नारायण व रामनंदन मिश्रा हजारीबाग जेलमधून निसटले, भूमिगत चळवळ सुरू, मुंबईत समाजवाद्यांच्या अरूणा असफअलींच्या नेतृत्वाखाली भूमिगत कारवाया. काँग्रेस रेडिओ केंद्र, उषा मेहता, शाळा-कॉलेज स्त्री-पुरूष कामगार, जनआंदोलन. व्

असहकार आंदोलन

असहकार आंदोलन भारतीय लोकमताच्या दडपणामुळे ब्रिटिश सरकारने जालियनवाला बाग हत्याकंाडाची चौकशी करण्यासाठी नेमलेल्या हंटर आयोगाने जनरल डायरविरूध्द कोणतीही ठोस कारवाई सुचवली नाही. इंग्लडमध्ये डायरच्या कृत्याचे समर्थ नच केले गेले. या घटनांमुळे भारतीय जनतेने ब्रिटिश सरकारविरूध्दचा आपला लढा अधिक तीव्र केला. खिलाफत चळवळ पहिल्या महायुध्दानंतर तर्कस्तानवर कठोर तह लादला गेल्याने प्रक्षुब्ध झालेल्या भारतीय मुस्लीम समाजाने खिलाफत आंदोलन उभारले. राष्ट्रीय सभेने खिलाफत चळवळीला दिलेला पाठिंबा आणि मुस्लिमांनी राष्ट्रीय सभेच्या आंदोलनास दिलेला पाठिंबा यामुळे हिंदू-मुस्लीम ऐक्य साधण्यात गांधीजीना यश मिळाले. असहकार चळवळ १९२० सालच्या नागपूर अधिवेशनात राष्ट्रीय सभेने गांधीजींच्या असहकाराच्या चळवळीच्या कार्यक्रमास मान्यता दिली. त्यात पुढील बाबींचा समावेश होता. (१) सरकारी नोकर्‍या व पदव्या यांचा त्याग करणे. (२) सरकारी सभा समारंभावर बहिष्कार टाकणे. (३) सरकारी शाळा- महाविदयांलयातून मुलांना काढून घेऊन त्यांना राष्ट्रीय शिक्षण सं

सविनय कायदेभंग आंदोलन

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सविनय कायदेभंग आंदोलन असहकार आंदोलन मागे घेतल्यावर राष्ट्रीय चळवळ काही काळ मंदावली १९२७ नंतर मात्र सायमन आयोगावरील बहिष्कारातून राष्ट्रीय चळवळीत नवा जोम व उत्साह संचारला आणि त्याचा आविष्कार सविनय कायदेभंगाच्या चळवळीतून झाला. सायमन आयोग Simon Go Back १९१९ च्या सुधारणा कायदयात सुधारणा सुचवण्यासाठी ब्रिटिश सरकारने १९२७ मध्ये सर जॉन सायमन यांच्या अध्यक्षतेखाली एका आयोगाची नेमणूक केली. या आयोगामध्ये एकही भारतीय सदस्य नसल्याने भारतातील प्रमुख राजकीय पक्षांनी सायमन आयोगावर बहिष्कार घालण्याचा निर्णय घेतला. नेहरू अहवाल सर्व भारतीयांना एकत्र येऊन राज्यघटना तयार करण्याचे भारतमंत्री र्लॉड र्बकनहेड याने केलेले आवाहन स्वीकारून सर्व राजकीय पक्षांच्या समितीने नेहरू अहवालात (१९२८) भारताला वसाहती स्वराज्य देण्यात यावे, धर्मनिरपेक्ष राज्य स्थापन करण्यात यावे, संघटनास्वातंत्र्य व प्रौढ मताधिकार स्वतंत्र मतदारसंघाऐवजी राखीव मतदारसंघ स्थापन करण्यात यावेत, अशा सुधारणा सुचवल्या. लाहोर अधिवेशन

सत्याग्रह पर्वाला प्रारंभ

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सत्याग्रह पर्वाला प्रारंभ लोकमान्य टिळकांना अखेरच्या काळात, भारतीय राष्ट्रीय चळवळीत महात्मा गांधीचे आगमन झाले. भारतीय जनतेच्या ब्रिटिश शासनाविरुध्दच्या असंतोषाला त्यांनी सत्याग्रह व व्यापक जनआंदोलनाव्दारे वाचा फोडली. इ.स. १९२० मध्ये गांधीजींच्या नेतृत्वाखाली भारताच्या स्वातंत्र्यलढयाच्या नव्या पर्वाची सुरवात झाली. सुरवातीचे सत्याग्रह भारताच्या राजकारणात प्रवेश करण्यापूर्वी गांधीजीनी दक्षिण आफ़्रिकेतील गौरवणीय सरकारच्या वर्णव्देषी धोरणाविरूध्द सत्याग्रहाच्या तंत्राचा प्रथमत: आणि यशस्वीरीत्या वापर केला. दक्षिण आफ़्रिकेतून परत आल्यानंतर १९१७ साली चंपारण्य येथील नीळ-उत्पादक शेतकर्‍यांच्या आणि गुजरातमधील दुष्काळग्रस्त शेतकर्‍यांच्या अहिंसात्मक आंदोलनाद्वारा गांधीजीनी आपले सत्याग्रहाचे तंत्रउपयुक्त असत्याचे दाखवून दिले. त्यांनी याच तंत्राचा यशस्वी उपयोग १९१८ साली खेडा जिल्हयात साराबंदीच्या चळवळीत आणि अहमदाबादच्या गिरणी कामगारांच्या संपात केला. जालियनवाला बाग हत्याकांड Jaliyanwala bag Hatyakand पहिल्या महा

मवाळवादी युग आणि गोपाळ कृष्ण गोखले यांची भूमिका

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मवाळवादी युग आणि गोपाळ कृष्ण गोखले यांची भूमिका Gopal krushn Gokhale प्रारंभीचे राष्ट्रवादी मवाळ म्हणून ओळखले जातात. त्यांचे सर्वात मोठे योगदान म्हणजे आर्थिक दृष्टिकोनातून साम्राज्यवादाचे केलेले विश्लेषण आणि आर्थिक प्रश्नांवर त्यांनी सतत चालविलेली चळवळ होय. व्यापार, उद्योग व अर्थव्यवस्था या तिन्ही दृष्टींनी साम्राज्यवादी अर्थव्यवस्थेने कशी पिळवणूक केली याचे त्यांनी विश्लेषण केले. भारतीय अर्थव्यवस्थेला ब्रिटिश अर्थव्यवस्थेची बटीक बनविणे हेच ब्रिटिश वसाहतवादाचे सार आहे हे त्यांनी पक्के ओळखले. केवळ कच्च्या मालाचा पुरवठा करणारा देश, ब्रिटनमध्ये तयार होणार्‍या मालाला हुकमी बाजारपेठ व परकीय भांडवल गुंतवणुकीस उत्तम क्षेत्र् असे भारतीय अर्थव्यवस्थेचे स्वरुप प्राप्त करुन देण्याचा जो ब्रिटिश वसाहतवादी अर्थव्यवस्थेचा हेतू होता त्याला त्यांनी जोरदार विरोध केला. मवाळवादी युग काॅंग्रेसच्या स्थापनेपासून ते १९०५ पर्यत मवाळवादी नेत्यांचा प्रभाव असल्याने त्यास मवाळवादी कालखंड असे म्हणतात. मवाळवाद्यांची कार्यपध्दत (१