Posts

Showing posts from June, 2017

भारत का पहला राज्य

भारत का पहला राज्य -------------------------------- 1  अरुणाचल प्रदेश वेब अधारित कोर्स लॉन्च करने वाला पहला देश का पहला राज्य है। 2  जबकि मध्यप्रदेश आईटीआई परीक्षा आॅनलाइन लेने वाला राज्य। 3   पूर्ण बैंकिंग वाला देश का पहला राज्य – केरल (2011) 4   सभी को भूमि उपलब्ध करने वाला देश का पहला राज्य – केरल 5   वेब अधारित कोर्स लॉन्च करने वाला पहला राज्य – अरुणाचल 6     विशेष बाघ बल गठित करने वाला देश का पहला राज्य – कर्नाटक 7     देश में खानों की नीलामी शुरु करने वाला पहला राज्य – गुजरात 8     सभी गांवों व स्कूलों के साथ ही देश में 4जी नेटवर्क वाला पहला राज्य – पंजाब 9    देश का पहला ऐसा राज्य जहां आईटीआई परीक्षा आॅनलाइन ली गई – मध्यप्रदेश 10   विधायक निधि की पूरी जानकारी आनलाइन करने वाला देश में का पहला राज्य – दिल्ली 11   रोटावायरस टीकाकरण परियोजना आरंभ करने वाला देश का पहला राज्य – हिमाचल प्रदेश 12    ई-मेल पॉलिसी को अपनाने वाला देश का पहला राज्य – मध्यप्रदेश 13   गौ संरक्षण कानून लगाने वाला पहला देश का पहला राज्य – हरियाणा 14   आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) शुरू करन

विश्व का सामान्य ज्ञान world GK

विश्व  का  सामान्य  ज्ञान  world GK 1. विश्व का सबसे अमीर देश स्विटजरलैंड है 2. सऊदी अरब मेँ एक भी नदी नही है 3. विश्व का सबसे दानी आदमी अमेरिका का राकफेलर है जिसने अपने जीवन मेँ सार्वजनिक हित के लिए 75 अरब रुपए दान मेँ दे दिए 4. सबसे महँगी वस्तु यूरेनियम है 5. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया मेँ आयार्स नामक पहाडी प्रतिदिन अपना रंग बदलती है 6. विश्व मेँ रवीवार की छुट्टी सन 1843 से शुरु हुई थी 7. सारे संसार मेँ कुल मिलाकर 2792 भाषाएँ हैं। 8. फ्रांस ऐसा देश है जहां मच्छर नहीं होते हैं 9. दक्षिण अफ्रिक में कोबरा नामक वृक्ष के पास इंसान के जाते ही उसकी डालियाँ उसे जकड लेती है और तब तक नहीं छोड़ती जब तक वो प्राण ना त्याग दे 10. नार्वे देश में सूरज आधी रात में चमकता है जानकारी रोके नहीं दूसरों को दे ज्ञान बाटने से बढ़ता है! 🌍विश्वका सामान्य ज्ञान🌍 🌍 विश्व में भारत के अलावा 15 अगस्त को ही स्वतन्त्रता दिवस और किस देश में मनाया जाता है? 👍:- कोरिया में 🌍 विश्व का ऐसा कौन सा देश है जो आज तक किसी का गुलाम नहीं हुआ? 👍:- नेपाल 🌍  सबसे पुराना समाचार पत्र कौन सा है? 👍:- स्वीडन आफिशियल जन

भारतीय क्रांतीकारी चळवळ

भारतीय क्रांतीकारी चळवळ १८५७ चा उठाव अयशस्वी झाल्यावर ब्रिटिशांविरुध्द सशस्त्र संघर्षाचा मार्ग भारतीयांनी सोडून दिला. भारतात राष्ट्रवाद मूळ धरू लागला होता. त्याचेच पर्यावसन म्हणजे राष्ट्रीय सभेची स्थापना होय. १८८५ मध्ये स्थापन झालेली राष्ट्रीय सभा सुरुवातीला नेमस्तपंथीय होती. पुढे बदलत्या परिस्थितीमुळे ती जहालवादी बनू लागली. राणीच्या जाहीरनाम्यातील आश्र्वासने ब्रिटिशांनी पाळली नाहीतच, उलट भारतीय जनतेची आर्थिक पिळवणूक सुरु ठेवली. ब्रिटिशांच्या धोरणामुळेच आपला देश दरिद्री बनला हे भारतीयांना कळून चुकले. ब्रिटिशांचे वर्णद्वेशाचे धोरणही भारतीयांना जाचक ठरु लागले. उच्च परीक्षा उत्तीर्ण करुनही भारतीयांना प्रशासनात घेतले जात नव्हते. ब्रिटिश साम्राज्य भारतावर हजारो वर्षे चालणार अशी भाषा इंग्रज वापरत. अर्थात उन्मज्ञ्ल्त्;ा राजसज्ञ्ल्त्;ोचे ते प्रताप होते. या सर्व अन्यायाची, अत्याचाराची हकीकत जनतेला नेत्यांकडून, वृत्तपत्रांतून कळत होती. केसरी, मराठा, न्यूइंडिया, टि्रब्यून, इत्यादी वृत्तपत्रे, तसेच बंकिमचंद्र चेपाध्यय, रवींद्रनाथ टागोर, इत्यादंींच्या साहित्यातून भारतीय जनतेला वेळोवेळी मार्गदर्शन