राजकारण
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भारत का संविधान
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मौलिक कर्तव्य
नागरिकता
संघ एवं राज्य क्षेत्र
भारतीय संविधान एवं संविधान का निर्माण
मौलिक कर्तव्य
नागरिकता
संघ एवं राज्य क्षेत्र
भारतीय संविधान एवं संविधान का निर्माण
• भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।
• 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
• भारतीय संविधान के प्रस्तावना के अनुसार भारत एक सम्प्रुभतासम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है।
• भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान है।
• इसमें अब 450 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां
• अनुच्छेद 1. संघ का नाम और राज्य क्षेत्र
• अनुच्छेद 2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
• अनुच्छेद 2क. [निरसन]
• अनुच्छेद 3. नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
• अनुच्छेद 4. पहली अनुसूची और चौथी अनुसूचियों के संशोधन तथा अनुपूरक, और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधिया
• अनुच्छेद 5. संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
• अनुच्छेद 6. पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
• अनुच्छेद 7. पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
• अनुच्छेद 8. भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
• अनुच्छेद 9. विदेशी राज्य की नागरिकता, स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना
• अनुच्छेद 10. नागरिकता के अधिकारों को बना रहना
• अनुच्छेद 11. संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
• अनुच्छेद 12. परिभाषा
• अनुच्छेद 13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियां
समता का अधिकार
• अनुच्छेद 14. विधि के समक्ष समानता
• अनुच्छेद 15. धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
• अनुच्छेद 16. लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
• अनुच्छेद 17. अस्पृश्यता का अंत
• अनुच्छेद 18. उपाधियों का अंत
स्वतंत्रता का अधिकार
• अनुच्छेद 19. वाक-स्वतंत्रता आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
• अनुच्छेद 20. अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
• अनुच्छेद 21. प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
• अनुच्छेद 22. कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
शोषण के विरुद्ध अधिकार
• अनुच्छेद 23. मानव और दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
• अनुच्छेद 24. कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
• अनुच्छेद 25. अंत:करण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
• अनुच्छेद 26. धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
• अनुच्छेद 27. किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता
• अनुच्छेद 28. कुल शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
• अनुच्छेद 29. अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण
• अनुच्छेद 30. शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गों का अधिकार
• अनुच्छेद 31. [निरसन]
कुछ विधियों की व्यावृत्ति
• अनुच्छेद 31क. संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
• अनुच्छेद 31ख. कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
• अनुच्छेद 31ग. कुछ निदेशक तत्वों को प्रभाव करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
• अनुच्छेद 31घ. [निरसन]
सांविधानिक उपचारों का अधिकार
• अनुच्छेद 32. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
• अनुच्छेद 32A. [निरसन]
• अनुच्छेद 33. इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद की शक्ति
• अनुच्छेद 34. जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन
• अनुच्छेद 35. इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने का विधान
• अनुच्छेद 36. परिभाषा
• अनुच्छेद 37. इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना
• अनुच्छेद 38. राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
• अनुच्छेद 39. राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व
• अनुच्छेद 39क. समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता
• अनुच्छेद 40. ग्राम पंचायतों का संगठन
• अनुच्छेद 41. कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
• अनुच्छेद 42. काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
• अनुच्छेद 43. कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
• अनुच्छेद 43क. उद्योगों के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना
• अनुच्छेद 44. नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता
• अनुच्छेद 45. बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
• अनुच्छेद 46. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
• अनुच्छेद 47. पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य को सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
• अनुच्छेद 48. कृषि और पशुपालन का संगठन
• अनुच्छेद 48क. पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
• अनुच्छेद 49. राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
• अनुच्छेद 50. कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण
• अनुच्छेद 51. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि
• अनुच्छेद 51A. मूल कर्तव्य
अध्याय I.- कार्यपालिका
• अनुच्छेद 52. भारत के राष्ट्रपति
• अनुच्छेद 53. संघ की कार्यपालिका शक्ति
• अनुच्छेद 54. राष्टप्रति का निर्वाचन
• अनुच्छेद 55. राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
• अनुच्छेद 56. राष्ट्रपति की पदावधि
• अनुच्छेद 57. पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
• अनुच्छेद 58. राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
• अनुच्छेद 59. राष्टप्रति के पद के लिए शर्तें
• अनुच्छेद 60. राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 61. राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रकिया
• अनुच्छेद 62. राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
• अनुच्छेद 63. भारत का उप राष्ट्रपति
• अनुच्छेद 64. उप राष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
• अनुच्छेद 65. राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उप राष्टप्रति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
• अनुच्छेद 66. उप राष्ट्रपति का निर्वाचन
• अनुच्छेद 67. उप राष्ट्रपति की पदावधि
• अनुच्छेद 68. उप राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
• अनुच्छेद 69. उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 70. अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन
• अनुच्छेद 71. राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संसक्त विषयत
• अनुच्छेद 72. क्षमता आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
• अनुच्छेद 73. संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
• अनुच्छेद 74. राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद
• अनुच्छेद 75. मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
• अनुच्छेद 76. भारत का महान्यायवादी
• अनुच्छेद 77. भारत सरकार के कार्य का संचालन
• अनुच्छेद 78. राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के संबंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
अध्याय II.- संसद
• अनुच्छेद 79. संसद का गठन
• अनुच्छेद 80. राज्य सभा की संरचना
• अनुच्छेद 81. लोक सभा की संरचना
• अनुच्छेद 82. प्रत्येक जनगणना के पश्चात पुन: समायोजन
• अनुच्छेद 83. संसद के सदनों की अवधि
• अनुच्छेद 84. संसद की सदस्यता के लिए अर्हता
• अनुच्छेद 85. संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
• अनुच्छेद 86. सदनों के अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्टप्रति का अधिकार
• अनुच्छेद 87. राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण
• अनुच्छेद 88. सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार
• अनुच्छेद 89. राज्य सभा का सभापति और उप सभापति
• अनुच्छेद 90. उप सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
• अनुच्छेद 91. सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
• अनुच्छेद 92. जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
• अनुच्छेद 93. लोक सभा और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
• अनुच्छेद 94. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
• अनुच्छेद 95. अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों को पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
• अनुच्छेद 96. जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
• अनुच्छेद 97. सभापति और उप सभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
• अनुच्छेद 98. संसद का सचिवालय
• अनुच्छेद 99. सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 100. सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
• अनुच्छेद 101. स्थानों का रिक्त होना
• अनुच्छेद 102. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
• अनुच्छेद 103. सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
• अनुच्छेद 104. अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
• अनुच्छेद 105. संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
• अनुच्छेद 106. सदस्यों के वेतन और भत्ते
• अनुच्छेद 107. विधेयकों के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपलबंध
• अनुच्छेद 108. कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
• अनुच्छेद 109. धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
• अनुच्छेद 110. "धन विधेयक" की परिभाषा
• अनुच्छेद 111. विधेयकों पर अनुमति
• अनुच्छेद 112. वार्षिक वित्तीय विवरण
• अनुच्छेद 113. संसद में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
• अनुच्छेद 114. विनियोग विधेयक
• अनुच्छेद 115. अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
• अनुच्छेद 116. लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
• अनुच्छेद 117. वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
• अनुच्छेद 118. प्रक्रिया के नियम
• अनुच्छेद 119. संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
• अनुच्छेद 120. संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
• अनुच्छेद 121. संसद में चर्चा पर निर्बंधन
• अनुच्छेद 122. न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय III.- राष्ट्रपति के विधायी अधिकार
• अनुच्छेद 123. संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अध्याय IV.- संघ न्यायपालिका
• अनुच्छेद 124. उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
• अनुच्छेद 125. न्यायाधीशों के वेतन आदि
• अनुच्छेद 126. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
• अनुच्छेद 127. तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
• अनुच्छेद 128. उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
• अनुच्छेद 129. उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना
• अनुच्छेद 130. उच्चतम न्यायालय का स्थान
• अनुच्छेद 131. उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
• अनुच्छेद 131क. [निरसन]
• अनुच्छेद 132. कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
• अनुच्छेद 133. उच्च न्यायालयों में सिविल विषयों से संबंधित अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
• अनुच्छेद 134. दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
• अनुच्छेद 134क. उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र
• अनुच्छेद 135. विद्यमान विधि के अधीन फेडरल न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रयोक्तव्य होना
• अनुच्छेद 136. अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
• अनुच्छेद 137. निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालयों द्वारा पुनर्विलोकन
• अनुच्छेद 138. उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
• अनुच्छेद 139. कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना
• अनुच्छेद 139क. कुछ मामलों का अंतरण
• अनुच्छेद 140. उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तिया
• अनुच्छेद 141. उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना
• अनुच्छेद 142. उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
• अनुच्छेद 143. उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
• अनुच्छेद 144. सिविल और न्यायिक प्राधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय
• अनुच्छेद 144क. [निरसन]
• अनुच्छेद 145. न्यायालय के नियम आदि
• अनुच्छेद 146. उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
• अनुच्छेद 147. निर्वचन
अध्याय V.- भारतीय नियंत्रक एवं महालेखाकार
• अनुच्छेद 148. भारत का नियंत्रक - महा लेखापरीक्षक
• अनुच्छेद 149. नियंत्रक महा लेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियां
• अनुच्छेद 150. संघ के और राज्यों के लेखाओं का प्ररूप
• अनुच्छेद 151. संपरीक्षा प्रतिवेदन
अध्याय I.- सामान्य
• अनुच्छेद 152. परिभाषा
अध्याय II.- कार्यपालिका
• अनुच्छेद 153. राज्यों के राज्यपाल
• अनुच्छेद 154. राज्य की कार्यपालिका शक्ति
• अनुच्छेद 155. राज्यपाल की नियुक्ति
• अनुच्छेद 156. राज्य की पदावधि
• अनुच्छेद 157. राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
• अनुच्छेद 158. राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
• अनुच्छेद 159. राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 160. कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन
• अनुच्छेद 161. क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
• अनुच्छेद 162. राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
• अनुच्छेद 163. राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद
• अनुच्छेद 164. मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
• अनुच्छेद 165. राज्य का महाधिवक्ता
• अनुच्छेद 166. राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
• अनुच्छेद 167. राज्यपाल को जानकारी देने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अध्याय III.- राज्य विधानमंडल
• अनुच्छेद 168. राज्यों के विधान - मंडलों का गठन
• अनुच्छेद 169. राज्यों में विधान परिषदों का उत्सादन या सृजन
• अनुच्छेद 170. विधान सभाओं की संरचना
• अनुच्छेद 171. विधान परिषदों की संरचना
• अनुच्छेद 172. राज्यों के विधान-मंडलों की अवधि
• अनुच्छेद 173. राज्य के विधान-मंडल की सदस्यता के लिए अर्हता
• अनुच्छेद 174. राज्य के विधान-मंडल के सत्र, सत्रावहसान और विघटन
• अनुच्छेद 175. सदन और सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राज्यपाल का अधिकार
• अनुच्छेद 176. राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
• अनुच्छेद 177. सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
• अनुच्छेद 178. विधान सभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
• अनुच्छेद 179. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
• अनुच्छेद 180. अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शाक्ति
• अनुच्छेद 181. जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
• अनुच्छेद 182. विधान परिषद का सभापति और उप सभापति
• अनुच्छेद 183. सभापति और उप सभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
• अनुच्छेद 184. सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के रूप में कार्य करने की उप सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
• अनुच्छेद 185. जब सभापति या उप सभापति को पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
• अनुच्छेद 186. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथ सभापति और उप सभापति के वेतन और भत्ते
• अनुच्छेद 187. राज्य के विधान मंडल का सचिवालय
• अनुच्छेद 188. सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 189. सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
• अनुच्छेद 190. स्थानों का रिक्त होना
• अनुच्छेद 191. सदस्यता के लिए निरर्हताएं
• अनुच्छेद 192. सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय
• अनुच्छेद 193. अनुच्छेद 188 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञा करने से पहले या अर्हित न होते हुए या निरर्हित किए जाने पर बैठने और मत देने के लिए शास्ति
• अनुच्छेद 194. विधान-मंडलों के सदनों की तथा सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषधिकार आदि
• अनुच्छेद 195. सदस्यों के वेतन और भत्ते
• अनुच्छेद 196. विधेयकों के पुर: स्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
• अनुच्छेद 197. धन विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियों पर निर्बंधन
• अनुच्छेद 198. धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
• अनुच्छेद 199. धन विधेयक की परिभाषा
• अनुच्छेद 200. विधेयकों पर अनुमति
• अनुच्छेद 201. विचार के लिए आरक्षित विधेयक
• अनुच्छेद 202. वार्षिक वित्तीय विवरण
• अनुच्छेद 203. विधान-मंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
• अनुच्छेद 204. विनियोग विधेयक
• अनुच्छेद 205. अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
• अनुच्छेद 206. लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
• अनुच्छेद 207. वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
• अनुच्छेद 208. प्रक्रिया के नियम
• अनुच्छेद 209. राज्य के विधान-मंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
• अनुच्छेद 210. विधान मंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
• अनुच्छेद 211. विधान-मंडल में चर्चा पर निर्बंधन
• अनुच्छेद 212. न्यायालयों द्वारा विधन मंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अध्याय IV.- राज्यपाल के विधायी अधिकार
• अनुच्छेद 213. विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्याति करने की राज्यपाल की शक्ति
अध्याय V.- राज्यों के उच्च न्यायालय
• अनुच्छेद 214. राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
• अनुच्छेद 215. उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
• अनुच्छेद 216. उच्च न्यायालयों का गठन
• अनुच्छेद 217. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
• अनुच्छेद 218. उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों का लागू होना
• अनुच्छेद 219. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
• अनुच्छेद 220. स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात विधि-व्यवसाय पर निर्बंधन
• अनुच्छेद 221. न्यायाधीशों के वेतन आदि
• अनुच्छेद 222. किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
• अनुच्छेद 223. कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
• अनुच्छेद 224. अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
• अनुच्छेद 224क . उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
• अनुच्छेद 225. विद्यमान उच्च न्यायालयों की अधिकारिता
• अनुच्छेद 226. कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
• अनुच्छेद 226क . [निरसन]
• अनुच्छेद 227. सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
• अनुच्छेद 228. कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
• अनुच्छेद 228क . [निरसन]
• अनुच्छेद 229. उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
• अनुच्छेद 230. उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों पर विस्तार
• अनुच्छेद 231. दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
अध्याय VI.- अधीनस्थ न्यायालय
• अनुच्छेद 233. जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
• अनुच्छेद 233क . कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्तियों का और उनके द्वारा किए गए निर्णयों आदि का विधिमान्यकरण
• अनुच्छेद 234. न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
• अनुच्छेद 235. अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
• अनुच्छेद 236. निर्वचन
• अनुच्छेद 237. कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबंधों का लागू होना
• अनुच्छेद 238. [निरसन]
• अनुच्छेद 239. संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन
• अनुच्छेद 239क . कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान मंडलों या मंत्रि-परिषदों का या दोनों का सृजन
• अनुच्छेद 239क . दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
• अनुच्छेद 239कक . सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
• अनुच्छेद 239कख . विधान मंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की प्रशासक की शक्ति
• अनुच्छेद 240. कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
• अनुच्छेद 241. संघ राज्य क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय
• अनुच्छेद 242. [निरसन]
• अनुच्छेद 243. परिभाषाएं
• अनुच्छेद 243क . ग्राम सभा
• अनुच्छेद 243ख . पंचायतों का गठन
• अनुच्छेद 243ग . पंचायतों की संरचना
• अनुच्छेद 243घ . स्थानों का आरक्षण
• अनुच्छेद 243ड . पंचायतों की अवधि, आदि
• अनुच्छेद 243च . सदस्यता के लिए निरर्हताएं
• अनुच्छेद 243छ . पंचायतों की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
• अनुच्छेद 243ज . पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां
• अनुच्छेद 243-झ . वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन
• अनुच्छेद 243ञ . पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
• अनुच्छेद 243ट . पंचायतों के लिए निर्वाचन
• अनुच्छेद 243ठ . संघ राज्य क्षेत्रों को लागू होना
• अनुच्छेद 243ड . इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू नह होना
• अनुच्छेद 243ढ . विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
• अनुच्छेद 243-ण . निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन
भाग IX-A: नगरपालिकाएं
• अनुच्छेद 243त . परिभाषाएं
• अनुच्छेद 243थ . नगरपालिकाओं का गठन
• अनुच्छेद 243द . नगरपालिकाओं की संरचना
• अनुच्छेद 243ध . वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
• अनुच्छेद 243न . स्थानों का आरक्षण
• अनुच्छेद 243प . नगरपालिकाओं की अवधि, आदि
• अनुच्छेद 243फ . सदस्यता के लिए निरर्हताएं
• अनुच्छेद 243ब . नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व
• अनुच्छेद 243भ . नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां
• अनुच्छेद 243म . वित्त आयोग
• अनुच्छेद 243य . नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
• अनुच्छेद 243यक . नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन
• अनुच्छेद 243यख . संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना
• अनुच्छेद 243यग . इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
• अनुच्छेद 243यघ . जिला योजना के लिए समिति
• अनुच्छेद 243यड . महानगर योजना के लिए समिति
• अनुच्छेद 243यच . विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
• अनुच्छेद 243यछ . निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप
• अनुच्छेद 244. अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन.
• अनुच्छेद 244क . असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान मंडल या मंत्रि परिषद का या दोनों का सृजन.
अध्याय I.- विधायी संबंध
• अनुच्छेद 245. संसद द्वारा राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार.
• अनुच्छेद 246. संसद द्वारा और राज्य के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषयवस्तु.
• अनुच्छेद 247. कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति.
• अनुच्छेद 248. अवशिष्ट विधायी शक्तियां.
• अनुच्छेद 249. राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति.
• अनुच्छेद 250. यदि आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि.
• अनुच्छेद 251. संसद द्वारा अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.
• अनुच्छेद 252. दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना.
• अनुच्छेद 253. अंतरराष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान.
• अनुच्छेद 254. संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति.
• अनुच्छेद 255. सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना.
अध्याय II.- प्रशासनिक संबंध
• अनुच्छेद 256. राज्यों की ओर संघ की बाध्यता.
• अनुच्छेद 257. कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण.
• अनुच्छेद 257क . [निरसन]
• अनुच्छेद 258. कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति.
• अनुच्छेद 258क . संघ को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति.
• अनुच्छेद 259. [निरसन]
• अनुच्छेद 260. भारत के बाहर के राज्य क्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता.
• अनुच्छेद 261. सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां.
• अनुच्छेद 262. अंतरराज्यिक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन.
• अनुच्छेद 263. अंतरराज्य परिषद के संबंध में उपबंध.
अध्याय I.- वित्त
• अनुच्छेद 264. विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.
• अनुच्छेद 265. विधि के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना.
• अनुच्छेद 266. भारत और राज्यों के संचित निधियां और लोक लेखे.
• अनुच्छेद 267. आकस्मिकता निधि.
• अनुच्छेद 268. संघ द्वारा उदगृहीत किए जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क.
• अनुच्छेद 269. संघ द्वारा उदगृहीत और संगृहीत किन्तु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर.
• अनुच्छेद 270. उदगृहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण.
• अनुच्छेद 271. कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार.
• अनुच्छेद 272. [निरसन]
• अनुच्छेद 273. जूट पर और जूट उत्पादों का निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान.
• अनुच्छेद 274. ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा.
• अनुच्छेद 275. कुछ राज्यों को संघ अनुदान.
• अनुच्छेद 276. वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर.
• अनुच्छेद 277. व्यावृत्ति.
• अनुच्छेद 278. [निरसन]
• अनुच्छेद 279. शुद्ध आगम, आदि की गणना.
• अनुच्छेद 280. वित्त आयोग.
• अनुच्छेद 281. वित्त आयोग की सिफारिशें.
• अनुच्छेद 282. संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व के लिए जाने वाले व्यय.
• अनुच्छेद 283. संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशियों की अभिरक्षा आदि.
• अनुच्छेद 284. लोक सेवकों और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा.
• अनुच्छेद 285. संघ और संपत्ति को राजय के कराधान से छूट.
• अनुच्छेद 286. माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन.
• अनुच्छेद 287. विद्युत पर करों से छूट.
• अनुच्छेद 288. जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट.
• अनुच्छेद 289. राज्यों की संपत्ति और आय को संघ और कराधार से छूट.
• अनुच्छेद 290. कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन.
• अनुच्छेद 290क . कुछ देवस्वम निधियों की वार्षिक संदाय.
• अनुच्छेद 291. [निरसन]
अध्याय II.- उधार
• अनुच्छेद 292. भारत सरकार द्वारा उधार लेना.
• अनुच्छेद 293. राज्यों द्वारा उधार लेना.
अध्याय III.- संपत्ति, संविदाएं, अधिकार, देयताएं, बाध्यताएं और वाद
• अनुच्छेद 294. कुछ दशाओं में संपत्ति, अास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार.
• अनुच्छेद 295. अन्य दशाओं में संपत्ति, अास्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार.
• अनुच्छेद 296. राजगामी या व्यपगत या स्वामीविहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति.
• अनुच्छेद 297. राज्य क्षेत्रीय सागर खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना.
• अनुच्छेद 298. व्यापार करने आदि की शक्ति.
• अनुच्छेद 299. संविदाएं.
• अनुच्छेद 300. वाद और कार्यवाहियां.
अध्याय IV.- संपत्ति का अधिकार
• अनुच्छेद 300क . विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना
• अनुच्छेद 301. व्यापार, वाणज्यि और समागम की स्वतंत्रता.
• अनुच्छेद 302. व्यापार, वाणज्यि और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति.
• अनुच्छेद 303. व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन.
• अनुच्छेद 304. राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन.
• अनुच्छेद 305. विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति.
• अनुच्छेद 306. [निरसन]
• अनुच्छेद 307. अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति.
अध्याय I.- सेवाएं
• अनुच्छेद 308. निर्वचन.
• अनुच्छेद 309. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें.
• अनुच्छेद 310. संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि.
• अनुच्छेद 311. संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना.
• अनुच्छेद 312. अखिल भारतीय सेवाएं.
• अनुच्छेद 312क . कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहृत करने की संसद की शक्ति.
• अनुच्छेद 313. संक्रमण कालीन उपबंध.
• अनुच्छेद 314. [निरसन]
अध्याय II.- लोक सेवा आयोग
• अनुच्छेद 315. संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग.
• अनुच्छेद 316. सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि.
• अनुच्छेद 317. लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना.
• अनुच्छेद 318. आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति.
• अनुच्छेद 319. आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के सबंध में प्रतिषेध.
• अनुच्छेद 320. लोक सेवा आयोगों के कृत्य.
• अनुच्छेद 321. लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति.
• अनुच्छेद 322. लोक सेवा आयोगों के व्यय.
• अनुच्छेद 323. लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन.
भाग XIVक: अधिकरण
• अनुच्छेद 323क . प्रशासनिक अधिकरण.
• अनुच्छेद 323ख . अन्य विषयों के लिए अधिकरण.
• अनुच्छेद 324. निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना.
• अनुच्छेद 325. धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना.
• अनुच्छेद 326. लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना.
• अनुच्छेद 327. विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति.
• अनुच्छेद 328. किसी राज्य के विधान मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान मंडल की शक्ति.
• अनुच्छेद 329. निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन.
• अनुच्छेद 329क . [निरसन]
• अनुच्छेद 330. लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण.
• अनुच्छेद 331. लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व.
• अनुच्छेद 332. राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण.
• अनुच्छेद 333. राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व.
• अनुच्छेद 334. स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ वर्ष के पश्चात न रहना.
• अनुच्छेद 335. सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे.
• अनुच्छेद 336. कुछ सेवाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 337. आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 338. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग.
• अनुच्छेद 338क . राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग.
• अनुच्छेद 339. अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण.
• अनुच्छेद 340. पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति.
• अनुच्छेद 341. अनुसूचित जातियां.
• अनुच्छेद 342. अनुसूचित जनजातियां
अध्याय I.- संघ की भाषा
• अनुच्छेद 343. संघ की राजभाषा.
• अनुच्छेद 344. राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति.
अध्याय II.- क्षेत्रीय भाषाएं
• अनुच्छेद 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं.
• अनुच्छेद 346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
• अनुच्छेद 347. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
अध्याय III.- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
• अनुच्छेद 348. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.
• अनुच्छेद 349. भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया.
अध्याय IV.-विशेष निर्देश
• अनुच्छेद 350. व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा.
• अनुच्छेद 350क . प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं.
• अनुच्छेद 350ख . भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी.
• अनुच्छेद 351. हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश
अध्याय I.- संघ की भाषा
• अनुच्छेद 343. संघ की राजभाषा.
• अनुच्छेद 344. राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति.
अध्याय II.- क्षेत्रीय भाषाएं
• अनुच्छेद 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं.
• अनुच्छेद 346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
• अनुच्छेद 347. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
अध्याय III.- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
• अनुच्छेद 348. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.
• अनुच्छेद 349. भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
अध्याय I.- संघ की भाषा
• अनुच्छेद 343. संघ की राजभाषा.
• अनुच्छेद 344. राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति.
अध्याय II.- क्षेत्रीय भाषाएं
• अनुच्छेद 345. राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं.
• अनुच्छेद 346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
• अनुच्छेद 347. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा.
अध्याय III.- उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों आदि की भाषा
• अनुच्छेद 348. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा.
• अनुच्छेद 349. भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया.
अध्याय IV.-विशेष निर्देश
• अनुच्छेद 350. व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा.
• अनुच्छेद 350क . प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं.
• अनुच्छेद 350ख . भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी.
• अनुच्छेद 351. हिन्दी भाषा के विकास के लिए निदेश.
• अनुच्छेद 352. आपात की उदघोषणा.
• अनुच्छेद 353. आपात की उदघोषणा का प्रभाव.
• अनुच्छेद 354. जब आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना.
• अनुच्छेद 355. बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य.
• अनुच्छेद 356. राज्यों सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध.
• अनुच्छेद 357. अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उदघोषणा के अधीन विधायी शाक्तियों का प्रयोग.
• अनुच्छेद 358. आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबंधों का निलंबन.
• अनुच्छेद 359. आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलबंन.
• अनुच्छेद 359क . [निरसन]
• अनुच्छेद 360. वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
• अनुच्छेद 361. राष्ट्रपति और राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण.
• अनुच्छेद 361क . संसद और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों की प्रकाशन का संरक्षण.
• अनुच्छेद 361ख . लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिए निरर्हता.
• अनुच्छेद 362. [निरसन]
• अनुच्छेद 363. कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन.
• अनुच्छेद 363क . देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी थौलियों का अंत.
• अनुच्छेद 364. महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 365. संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव.
• अनुच्छेद 366. परिभाषाएं.
• अनुच्छेद 367. निर्वचन.
• अनुच्छेद 368. संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया.
• अनुच्छेद 369. राज्य सूची के कुछ विषयों के सबंध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों.
• अनुच्छेद 370. जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध.
• अनुच्छेद 371. महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371क . नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371ख . असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371ग . मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371घ . आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371ड . आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना.
• अनुच्छेद 371च . सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371छ . मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371ज . अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 371-झ . गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 372. विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन.
• अनुच्छेद 372क . विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति.
• अनुच्छेद 373. निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शाक्ति.
• अनुच्छेद 374. फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद हिज मेजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबंध.
• अनुच्छेद 375. संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना.
• अनुच्छेद 376. उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध.
• अनुच्छेद 377. भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के बारे में उपबंध.
• अनुच्छेद 378. लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध.
• अनुच्छेद 378क . आंध्र प्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष उपबंध.
• अनुच्छेद 379-391 . [निरसन]
• अनुच्छेद 392. कठिनाइयों को दूर करने की राष्ष्ट्रपति की शक्ति.
• अनुच्छेद 393. संक्षिप्त नाम.
• अनुच्छेद 394. प्रारंभ.
• अनुच्छेद 394क . हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ.
• अनुच्छेद 395. निरसन.
1. पहली अनुसूची - (अनुच्छेद 1 तथा 4) - राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र का वर्णन।
2. दूसरी अनुसूची - [अनुच्छेद 102(3), 65(3), 75(6),97, 125,148(3), 158(3),164(5),186 तथा 221] - मुख्य पदाधिकारियों के वेतन-भत्ते
भाग-क : राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन-भत्ते,
भाग-ख : लोकसभा तथा विधानसभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राज्यसभा तथा विधान परिषद् के सभापति तथा उपसभापति के वेतन-भत्ते,
भाग-ग : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन-भत्ते,
भाग-घ : भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षकके वेतन-भत्ते।
3. तीसरी अनुसूची - [अनुच्छेद 75(4),99, 124(6),148(2), 164(3),188 और 219] - व्यवस्थापिका के सदस्य, मंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के लिए शपथ लिए जानेवाले प्रतिज्ञान के प्रारूप दिए हैं।
4. चौथी अनुसूची - [अनुच्छेद 4(1),80(2)] - राज्यसभा में स्थानों का आबंटन राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों से।
5. पाँचवी अनुसूची - [अनुच्छेद 244(1)] - अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जन-जातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित उपबंध।
6. छठी अनुसूची - [अनुच्छेद 244(2), 275(1)] - असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के विषय मे उपबंध।
7. सातवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 246] - विषयों के वितरण से संबंधित सूची-1 संघ सूची, सूची-2 राज्य सूची, सूची-3 समवर्ती सूची।
8. आठवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 344(1), 351] - भाषाएँ - 22 भाषाओं का उल्लेख।
9. नवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 31 ख ] - कुछ भुमि सुधार संबंधी अधिनियमों का विधिमान्य करण।
10. दसवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 102(2), 191(2)] - दल परिवर्तन संबंधी उपबंध तथा परिवर्तन के आधार पर अ
11. ग्यारवीं अनुसूची - पन्चायती राज/ जिला पंचायत से सम्बन्धित यह अनुसूची संविधान मे 73वे संवेधानिक संशोधन (1993) द्वारा जोड़ी गई।
12. बारहवीं अनुसूची - यह अनुसूची संविधान मे ७४ वे संवेधानिक संशोधन द्वारा जोड़ी गई
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