भारतीय संविधान एवं संविधान का निर्माण

भारतीय संविधान एवं संविधान का निर्माण

1. संविधान क्या है

ऐसा लेख पत्र या दस्तावेज जो सरकार की रुपरेखा व प्रमुख कृत्यों का निर्धारण करता है, इसे देश की सर्वोत्तम आधारभूत विधि कहा जा सकता है। यह वही दस्तावेज है, जो राज्य के समस्त अंगोँ (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) को शक्तियाँ प्रदान करता है। इन तीनो को संविधान की मर्यादाओं मेँ रहकर अपने कर्तव्योँ का निर्वहन करना होता है। इसे आसानी से बदला नहीँ जा सकता है।

- अंग्रेजी भाषा के कांस्टिट्यूशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द कांस्टिट्यूट से हुई, जिसका अर्थ शासन करने वाला सिद्धांत है।

- जिस देश का शासन जिन नियमों एवं सिद्धांतों के अनुसार चलता है, उन सिद्धांत या नियमों को समूह को संविधान कहा जाता है।

- संविधान इन कानूनों या नियमों के समूह को कहते हैं, जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से राज्य की सर्वोच्च सत्ता की शक्ति के वितरण और प्रयोग को निश्चित करता है।

- आधुनिक युग मेँ संसार मेँ सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का है जो, 1787 मेँ फिलाडेल्फिया सम्मेलन के बाद बनाया गया था।

- यूरोप मेँ सबसे पहला संविधान नीदरलैंड मेँ बना जो वर्तमान मेँ विद्यमान है।

2. संविधान की परिभाषा

- संविधान एक मौलिक दस्तावेज एवं देश की सर्वोच्च विधि माना जाता है।

- यह राज्य के अंगों की शक्तियोँ का निर्धारण एवं करता है।

- यह आज के अंगोँ को अधिकार को मर्यादित कर उन्हें निरंकुश एवं तानाशाह होने से रोकता है।

- वस्तुत का संविधान देश की जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं का पुंज होता है।

3. संविधान का उद्देश्य

- सरकार के अंगो का सृजन करना जैसे - विधान पालिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका आदि।

- सरकार के अंगो की शक्तियों जैसे – कर्तव्यों, दायित्वों आदि को निर्धारित करना।

- सरकार के सभी अंगो के बीच संबंधोँ को स्पष्ट करना।

4. संविधान का प्रयोग

- संविधान का निर्माण सर्वप्रथम एथेंस (यूनान) से हुआ था। आधुनिक युग में अमेरिका का संविधान बना जो लिखित रुप मेँ था।

- इंग्लैण्ड को संसदीय सरकार का उद्गम स्थान कहा जाता है एवं संयुक्त राज्य अमेरिका को अध्यक्षात्मक सरकार का जन्मदाता मानते हैं, तथा स्विट्ज़रलैंड को गणतंत्रीय लोकतंत्र की जननी कहा जाता है।

- नागरिको के मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्यों, नीति निर्देशक तत्वों आदि का उल्लेख करना।

5. संविधान निर्माण की क्रमिक मांग

- सैद्धांतिक रुप से संविधान सभा का विचार ब्रिटिश सरकार सर हैनरी मैन ने प्रस्तुत किया था तथा व्यवहारिक रुप से सबसे पहले संविधान निर्माण के लिए अमेरिका मेँ संविधान सभा का गठन किया गया था।

- संविधान सभा के सिद्धांत के दर्शन सर्वप्रथम 1895 के स्वराज विधेयक मेँ होते हैं, जिसे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के निर्देश मेँ तैयार किया गया था।

- संविधान सभा का सुझाव सर्वप्रथम गांधीजी के द्वारा 1922 मेँ हरिजन नामक पत्र मेँ स्पष्ट कहा गया कि भारत का संविधान भारतीयों को स्वयं बनाने का अधिकार होना चाहिए।

- भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा हुआ, जून 1934 मेँ सर्वप्रथम संविधान सभा के लिए औपचारिक रुप से एक निश्चित मांग पेश की गयी थी।

- 1936 मेँ लखनऊ मेँ हुए अखिल भारतीय कांग्रेस अधिवेशन मेँ भारत के लिए प्रजातांत्रिक संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग प्रस्तुत की गयी।

- अगस्त प्रस्ताव 1940 मेँ पहली बार संविधान सभा की मांग को ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक रुप से स्वीकार कर लिया।

- क्रिप्स प्रस्ताव 1942 मेँ स्पष्ट रुप से संविधान सभा की रुपरेखा की बात कही गयी है।

- 1946 में ब्रिटिश मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल ने अपनी योजना के अंतर्गत वर्तमान संविधान सभा की संरचना बनाई थी।

6. कैबिनेट मिशन योजना

- ब्रिटिश संसदीय प्रतिनिधिमंडल की रिपोर्ट का अध्यन करने के पश्चात 1946 मेँ एक त्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया, जिसे कैबिनेट मिशन के नाम से जानते हैं।

- कैबिनेट मिशन के अध्यक्ष पैथिक लॉरेंस (भारत सचिव) व ब्रिटेन - व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष स्टेफर्ड क्रिप्स तथा नौसेना अध्यक्ष ए.बी. एलेक्जेंडर सदस्य थे।

- कैबिनेट मिशन का मूल उद्देश्य कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौता कराने के लिए मध्यस्थता करवाना तथा वायसराय को भारत की संविधान सभा के गठन मेँ सहायता करना था।

- भारत मेँ संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के प्रावधानोँ के अनुसार अप्रत्यक्ष रुप से राज्योँ की विधानसभाओं द्वारा 1946 मेँ किया गया था। निर्वाचन केवल तीन संप्रदायोँ, मुस्लिम सिख व अन्य हिंदू मेँ विभक्त किया गया था।

- चीफ कमिश्नरी प्रांतो को भी संविधान सभा मेँ प्रतिनिधित्व दिया गया था।

- कैबिनेट मिशन के अनुसार संविधान सभा के सदस्योँ की संख्या 389 थी, जिनमें 229 प्रांतो मेँ से तथा 93 देशी रियासतो मेँ से चुने जाते थे, 4 कमिश्नरी क्षेत्रोँ मेँ से थे। प्रत्येक प्रांत और देसी रियासतों को अपनी जनसंख्या के अनुपात मेँ स्थान आवंटित किए गए थे।

- संविधान सभा मेँ जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधि निर्धारित किए गए(१० लाख पर 1)।

- संविधान सभा मेँ महिलाओं की संख्या 9 तथा अनुसूचित जनजाति के सदस्योँ की संख्या 33 थी।

7. संविधान निर्माण प्रक्रिया के विभिन्न चरण एवं तथ्य

- संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर, 1946 को हुई, सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया तथा मुस्लिम लीग ने इसका का बहिष्कार किया था।

- 11 दिसंबर, 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष चुना गया।

- श्री बी. एन. राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद पर नियुक्त किया गया।

- 13 दिसंबर, 1946 को जवाहरलाल नेहरु ने संविधान सभा मेँ उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान निर्माण का कार्य प्रारंभ किया, यह प्रस्ताव संविधान सभा ने 22 जून 1947 को पारित कर दिया।

- संविधान निर्माण के लिए विभिन्न समितियां, जैसे प्रक्रिया समिति, वार्ता समिति, संचालन समिति कार्य समिति, संविधान समिति, झंडा समिति आदि का निर्माण किया गया।

- विभिन्न समितियोँ मेँ प्रमुख प्रारुप समिति थी, जो कि 19 अगस्त, 1947 को गठित की गयी थी, इसका अध्यक्ष डाक्टर बी. आर. अंबेडकर को बनाया गया।

- संविधान सभा की बैठक तृतीय वाचन (अंतिम वाचन) के लिए 14 नवंबर, 1949 को हुई, यह बैठक 26 नवंबर 1949 को समाप्त हुई।

- भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन मेँ किया गया था।

- संपूर्ण संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत को गणतंत्र घोषित किया गया। संविधान सभा को ही आगामी संसद के चुनाव तक भारतीय संसद के रुप मेँ मान्यता प्रदान की गयी।

- संविधान निर्माण के पीछे मुख्य रुप से जवाहरलाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम, आजाद आचार्य कृपलानी, टी टी कृष्णामचारी एवं डॉ. बी. आर. अंबेडकर का मस्तिष्क था। कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर को संविधान का पिता कहा है।

- भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है।

8. संविधान सभा की विभिन्न समितियां

- समितियां संविधान बनाने के लिए संविधान सभा ने सबसे पहले 13 समितियो का गठन किया इन समितियोँ ने अगस्त 1947 तक अपनी-अपनी रिपोर्ट भेजी और उसके पश्चात उन रिपोर्ट्स पर संविधान सभा ने विचार किया।

- एन. माधव राव, बी. एल. मित्र के स्थान पर बाद मेँ नियुक्त हुए।

- प्रारुप समिति के सदस्य श्री एन. गोपालस्वामी आयंगर, अलादी कृष्णास्वामी अय्यर, मोहम्मद सादुल्ला, के. एम. मुंशी, बी. एल. मिल और डी. पी. खेतान थे।

- डॉ. बी. आर. अंबेडकर संविधान सभा सभा के सदस्य समिति के लिए बंगाल से निर्वाचित हुए थे।

- संविधान सभा की सदस्यता अस्वीकार करने वालोँ मेँ महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण तथा तेज बहादुर सप्रू प्रमुख हैं।

9. संविधान की प्रकृति और स्वरुप

- भारत के मूल संविधान मेँ 395 अनुच्छेद तथा 22 भाग एवं 4 परिशिष्ट व 8 अनुसूचियां थीं, जबकि वर्तमान समय मेँ अनुच्छेदो की कुल संख्या 395 तथा कुल 25 भाग एवं 5 परिशिष्ट तथा 12 अनुसूचियां हैं।

- हमारा संविधान एकात्मक और संघात्मक दोनो है यानि दोनो का मिश्रण है। भारत का संविधान संघीय कम एवं एकात्मक अधिक है – डी. डी. बसु।

- भारत का संविधान अर्ध संघीय है – के. सी. व्हीलर।

- भारत का पुदुचेरी जी ऐसा राज्य है, जहां फ्रेंच सबसे अधिक बोली जाती है।

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