बैंक खातों के प्रकार


बैंक खातों के प्रकार
1. बचत खाता

बचत खाते अपनी आय का कुछ हिस्सा बचाने के लिए बैंकों में व्यक्तियों द्वारा खोले जाते हैं। बचत खाते का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों के बीच बचत की आदत को बढ़ावा देना है।

- ये खाता केवल व्यक्तियों के नाम पर खोला जाता है।

- इस खाते में व्यक्ति जमा के लिए ब्याज की कुछ दर पाता है।ये दर प्रत्येक बैंक में भिन्न होती है।पहले यह दर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की जाती थी लेकिन अब भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत खाते पर ब्याज की अपनी दर तय करने के लिए बैंकों को शक्ति दे दी है।

- ब्याज की यह दर आम तौर पर 4% है, लेकिन कुछ निजी बैंकों 6% ब्याज की दर की पेशकश भी करते हैं।

- सेविंग खातों में प्रति महीने होने वाली जमा और निकासी की कुछ सीमाएं है। न्यूनतम जमा जो एक व्यक्ति के खाते में बनाए रखने के लिए है वो 1000 (पीएसयू बैंकों में) रुपये या कुछ बैंक शून्य शेष खातों की पेशकश भी करते है।

2. चालूखाता

चालू खाते व्यापार लेनदेन, फर्म के नाम पर या कंपनी के लिए खोल जाते हैं ।

- बैंकों चालू खाते में जमा पैसे पर कोई ब्याज नहीं देता है, लेकिन बचत खाते की तुलना में कुछ अतिरिक्त सुविधाओं करता है जैसे- चालू खाते में जमा या निकासी पर कोई सीमा नहीं है, लेकिन चालू खाता धारक के लिए पासबुक जारी नहीं की जाती है।

- चालू खाता खोलने के लिए आवश्यक न्यूनतम जमा 5000 रुपये है या यह संबंधित बैंक पर भी निर्भर करता है।

3. आवर्ती जमाखाता या आरडी

एक आवर्ती जमा खाता एक बचत सुविधा है जो कि बैंक अपने उन ग्राहकों के लिए प्रदान करता है,जो प्रति महीने छोटी राशि ही बचा सकते हैं।

- आवर्ती जमा खाते में एक व्यक्ति निश्चित अवधि के लिए निश्चित राशि जमा करता है जैसे एक व्यक्ति एक वर्ष के लिए 500 रुपये प्रति माह जमा करता है।

- बैंक हर महीने जमा पैसे पर ब्याज देता है। निश्चित अवधि के के पूरा होने के बाद बैंक अपने ग्राहकों को ब्याज के साथ जमा पैसे का भुगतान कर देता है।

- आवर्ती जमा खाते आम तौर पर वेतनभोगी लोगों के लिए हैं, जो हर महीने पैसे की एक निश्चित राशि बचा सकते हैं।

4. फिक्स डिपॉजिट या सावधि जमाखाता

सावधि जमा खाते में, एक व्यक्ति एक ही समय में एक निश्चित अवधि के लिए निश्चित राशि जमा कराता है।

- सावधि जमा खाते पर बैंक ब्याज का भुगतान करता हे जो जमा खाते की अवधि पर निर्भर करता है। अवधि के पूरा होने के बाद बैंक ब्याज की दर के साथ राशि का भुगतान करते हैं।

- यदि समय से पहले निकासीकी जाती है तो बैंक पेनल्टी भी लगाता है।

- प्रवासी भारतीय जो भारत में निवेश करना और ब्याज कमाना चाहते हैं, तो यह आकर्षक विकल्प है क्योंकि भारतीय बैंकों द्वारा की पेशकश की जाने वाली ब्याज की दर पश्चिमी समकक्षों की तुलना में अधिक है।

5. एफसीएनआर जमाखाता

एफसीएनआर का अर्थ है-विदेशी मुद्रा गैर –निवासी खाते। यह खाते अनिवासी भारतीयों द्वारा खोले जाते है।

- इस खाते में एक व्यक्ति किसी भी विदेशी मुद्रा में एफसीएनआर खाते में एक अवधि के लिये(कम से कम एक वर्ष व अधिकतम पांच साल) एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं।

- तय अवधि के के पूरा होने के बाद मूलधन और ब्याज विदेशी मुद्रा, जिसमें उन्होंने जमा किया था, में भुगतान किया जाता है।

6. एनआरओ जमाखाता

एनआरओ का अर्थ है-अनिवासी साधारण बचत खाते।

- अनिवासी साधारण बचत खाता (एनआरओ खाता) एक बचत / चालू / आवर्ती जमा / सावधि जमा खाता है जो भारतीय मुद्रा में भारतीय बैंक में खोले जातेहै।

- एनआरओ खाते भारत के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा खोला जा सकता है अगर वह भारत में ब्याज की आकर्षक दर कमाना चाहता हैं।

7. एनआरई खाता

एनआरई का अर्थ है अनिवासी बाह्य खाता।

- अनिवासी बाह्य खाता (एनआरई खाता) बचत / चालू / आवर्तीजमा / सावधि जमा बैंक खाता है जो भारतीय मुद्रा में भारतीय बैंक में खोले जातेहै।

- इस तरह के खाते केवल अनिवासी भारतीयों द्वारा खोले जा सकते है। 1 मार्च, 2014 से, ब्याज एनआरई जमा पर बैंकों द्वारा पेश की गई ब्याज की दर तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर उनके द्वारा पेश गई दर से अधिक नहीं हो सकती है।

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