हिमालय पर्वत के बारे में जानिए The great Himalaya Geography

हिमालय  पर्वत के बारे में  जानिए

1.हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है।
2.यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं।
3. इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर।
4. इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है।
5. हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं-
पाकिस्तान, भारत , नेपाल , भूटान और चीन ।
6.विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है।
7.हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा , गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर , कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है।
8. हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए है।
9.  72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है।
10.हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु , गंगा , ब्रह्मपुत्र और यांगतेज ।
11.इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ , केदारनाथ , गोमुख , देव प्रयाग , ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा
अमरनाथ प्रमुख  स्थल हैं।
12.हिमालय और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को भी कई नामों से जाना जाता है। नेपाल में इसे सगरमाथा (आकाश या स्वर्ग का भाल), संस्कृत में देवगिरी और तिब्बती में चोमोलुंगमा (पर्वतों की रानी) कहते हैं।

हिमालय की उत्पत्ति
1.हिमालय की उत्पत्ति की व्याख्या कोबर के भूसन्नति सिद्धांत और प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत द्वारा की जाती है।
2. यूरेशियाई और भारतीय प्लेटों के बीच यह टकराव समुद्री प्लेट के निमज्जित हो जाने के बाद यह समुदी-समुद्री टकराव अब महाद्वीपीय-महाद्वीपीय टकराव में बदल गया और (650 लाख वर्ष पूर्व) केन्द्रीय हिमालय की रचना हुई।
3.तब से लेकर अब तक तकरीबन 2500 किमी की भूपर्पटीय लघुकरण की घटना हो चुकी है।  साथ ही भारतीय प्लेट का उत्तरी पूर्वी हिस्सा 45 अंश के आसपास घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में घूम चुका है।
4.इस टकराव के कारण हिमालय की तीन श्रेणियों की रचना अलग-अलग काल में हुई जिसका क्रम उत्तर से दक्षिण की ओर है। अर्थात पहले महान हिमालय, फिर मध्य हिमालय और सबसे अंत में शिवालिक की रचना हुई।
हिमालय की भूगर्भिक संरचना
भूआकृतिक विभाजन
हिमालय पर्वत तन्त्र को तीन मुख्य श्रेणियों के रूप में विभाजित किया जाता है जो पाकिस्तान में सिन्धु नदी के मोड़ से लेकर अरुणाचल के ब्रह्मपुत्र के मोड़ तक एक दूसरे के समानांतर पायी जाती हैं। चौथी गौड़ श्रेणी असतत है और पूरी लम्बाई तक नहीं पायी जाती है। ये चार श्रेणियाँ हैं-
(क) परा-हिमालय,
(ख) महान हिमालय
(ग) मध्य हिमालय, और
(घ) शिवालिक।
A..परा हिमालय  
1. परा हिमालय जिसे ट्रांस हिमालय या टेथीज हिमालय भी कहते हैं, हिमालय की सबसे प्राचीन श्रेणी है।
2.  यह कराकोरम श्रेणी, लद्दाख श्रेणी और कैलाश श्रेणी के रूप में हिमालय की मुख्य श्रेणियों और तिब्बत के बीच स्थित है।
3.इसका निर्माण टेथीज सागर के अवसादों से हुआ है।
4.इसकी औसत चौड़ाई लगभग 40 किमी है।
5.यह श्रेणी इण्डस-सांपू-शटर-ज़ोन नामक भ्रंश द्वारा तिब्बत के पठार से अलग है।
B..महान हिमालय
1.महान हिमालय जिसे हिमाद्रि भी कहा जाता है
2. हिमालय की सबसे ऊँची श्रेणी है।
3. इसके क्रोड मेंआग्नेय शैलें पायी जाती है जो ग्रेनाइट तथा गैब्रो नामक चट्टानों के रूप में हैं।
4. कश्मीर की जांस्कर श्रेणी भी इसी का हिस्सा मानी जाती है।
5.हिमालय की सर्वोच्च चोटियाँ मकालू, कंचनजंघा, एवरेस्ट, अन्नपूर्ण और नामचा बरवा इत्यादि इसी श्रेणी का हिस्सा हैं।
6.यह श्रेणी मुख्य केन्द्रीय क्षेप द्वारा मध्य हिमालय से अलग है।
C..मध्य हिमालय
1. मध्य हिमालय महान हिमालय के दक्षिण में स्थित है।
2. महान हिमालय और मध्य हिमालय के बीच दो बड़ी और खुली घाटियाँ पायी जाती है - पश्चिम में काश्मीर घाटी और पूर्व में काठमाण्डू घाटी।
3. जम्मू-कश्मीर में इसे पीर पंजाल , हिमाचल में धौलाधार तथा नेपाल में महाभारत श्रेणी के रूप में जाना जाता है।
D..शिवालिक श्रेणी
1. शिवालिक श्रेणी को बाह्य हिमालय या उप हिमालय भी कहते हैं।
2. यहाँ सबसे नयी और कम ऊँची चोटी है।
3. पश्चिम बंगाल और भूटान के बीच यह विलुप्त है बाकी पूरे हिमालय के साथ समानांतर पायी जाती है। 4. अरुणाचल में मिरी , मिश्मी और
अभोर पहाड़ियां शिवालिक का ही रूप हैं।
5. शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच दून घाटियाँ पायी जाती हैं।
प्रादेशिक विभाजन
सर सिडनी बुराड ने हिमालय को चार क्षैतिज प्रदेशों में बाँटा है :-
1. कश्मीर हिमालय - सिन्धु नदी से सतलुज नदी के बीच का भाग
2. कुमाऊँ हिमालय - सतलुज से काली नदी ( सरयू ) के बीच का भाग
3. नेपाल हिमालय - सरयू नदी से तीस्ता नदी के बीच का भाग
4. आसाम हिमालय - तीस्ता नदी से ब्रह्मपुत्र नदी के मोड़ तक का भाग

गढ़वाल हिमालय (Garhwal Himalaya) हिमालय का एक भाग है जो भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है। इसमें कई पर्वत स्थित हैं जो विश्व के सर्वोच्च पर्वतों में गिने जाते हैं।
प्रमुख पर्वत
1.नंदा देवी - 7,816 मीटर / 25,643 फ़ुट ऊँचाई, विश्व का 23वाँ ऊँचा पर्वत
2.कामेट पर्वत - 7,756 मीटर / 25,446 फ़ुट ऊँचाई, विश्व का 29वाँ ऊँचा पर्वत

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