राजगोपालाचारी फार्मूला (1944 ई.)

राजगोपालाचारी फार्मूला (1944 ई.)

द्विराष्ट्र सिद्धांत और ब्रिटिशों से भारत की स्वतंत्रता को लेकर मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अलग अलग विचारों के कारण पैदा हुए मतभेदों को सुलझाने के उद्देश्य से राजगोपालाचारी फार्मूला लाया गया था| सी. राजगोपालाचारी, जोकि कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता थे, ने मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच के राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए एक फार्मूला तैयार किया| यह फार्मूला, जिसे महात्मा गाँधी का समर्थन प्राप्त था, वास्तव में लीग की पाकिस्तान मांग की मौन स्वीकृति थी|

राजगोपालाचारी फार्मूला

• मुस्लिम लीग कांग्रेस की स्वतंत्रता की मांग का समर्थन करे

• लीग कांग्रेस को केंद्र में अस्थायी सरकार के गठन में सहयोग प्रदान करे

• युद्ध की समाप्ति के बाद एक आयोग गठित किया जायेगा जो उन जिलों की पहचान करेगा जहाँ मुस्लिमों का स्पष्ट बहुमत है और इन क्षेत्रों (गैर मुस्लिमों को शामिल कर) में, यह जानने के लिए कि वे पृथक संप्रभु राज्य का गठन चाहते हैं या नहीं, वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव कराये जायेंगे|

• सभी दलों को चुनाव या मतदान से पूर्व विभाजन के सम्बन्ध में अपने मत और अपने विचारों को व्यक्त करने की अनुमति होगी|

• यदि विभाजन के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाती है तो रक्षा, वाणिज्य और संचार आदि विषयों को लेकर एक संयुक्त समझौता किया जायेगा|

• ऊपर दी गयी सभी शर्तें तभी लागू होगी जब इंग्लैंड सम्पूर्ण सत्ता भारत को हस्तांतरित कर दे|

निष्कर्ष

राजगोपालाचारी फार्मूले की मूल संकल्पना द्विराष्ट्र सिद्धांत और ब्रिटिशों से भारत की स्वतंत्रता को लेकर मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अलग अलग विचारों के कारण पैदा हुए मतभेदों को सुलझाने की थी|

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