अंतरिम सरकार

अंतरिम सरकार

2 सितम्बर 1946, को नवनिर्वाचित संविधान सभा ने भारत की अंतरिम सरकार का गठन किया जोकि 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में बनी रही|अंतरिम सरकार की कार्यकारी शाखा का कार्य वायसराय की कार्यकारी परिषद करती थी जिसकी अध्यक्षता वायसराय द्वारा की जाती थी| इसमें कांग्रेस द्वारा नामित 3 मुस्लिम सदस्यों सहित कुल 12 सदस्य शामिल थे| भारत में ब्रिटिशों के आने के बाद यह प्रथम अवसर था जब भारत की सरकार भारतीयों के हाथों में थी| 26 अक्टूबर को लीग द्वारा नामित 5 सदस्य इसमें शामिल हुए और इन नए सदस्यों के लिए स्थान बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा नियुक्त सदस्यों में हेर-फेर किया गया (दो सीटें पहले से ही खाली थीं इसके अलावा शरत बोस, सैय्यद अली जहीर व सर शफात अहमद खान ने त्यागपत्र दे दिया)| सरकार के सभी चौदह सदस्यों के विभाग निम्नलिखित थे-

अंतरिम सरकार के सदस्य

पंडित जवाहर लाल नेहरु

कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष,विदेश विभाग, राष्ट्रमंडल से सम्बंधित मामले

वल्लभभाई पटेल

गृह, सुचना एवं प्रसारण

बलदेव सिंह

रक्षा

डॉ.जॉन

उद्योग एवं आपूर्ति

सी.राजगोपालाचारी

शिक्षा

सी.एच.भाभा

कार्य, खनन एवं शक्ति

राजेंद्र प्रसाद

खाद्य एवं कृषि

आसफ अली

रेलवे

जगजीवन राम

श्रम

लियाकत अली

वित्त

टी.टी.चुंदरीगर

वाणिज्य

अब्दुल रब नश्तर

संचार

गजान्फर अली खान

स्वास्थ्य    

जोगेंद्र नाथ मंडल

विधि

 

निष्कर्ष
अगस्त 1946 में कांग्रेस ने अंतरिम सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया ताकि ब्रिटिश सरकार के लिए सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके| अंतरिम सरकार ने 2 सितम्बर 1946 से कार्य करना आरम्भ किया

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